आज 5अप्रैल 2023 को दिल्ली में मज़दूर – किसान रैली आयोजित की जा रही है जिसके समर्थन में जाने – माने नागरिकों और बुद्धिजीवियों ने एक वक्तव्य जारी करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को कृषि श्रमिकों और मजदूरों की विशाल रैली में शामिल होने का आग्रह किया है। इंडियन ट्रेड यूनियन सेंटर,ऑल इंडिया किसान सभा,और ऑल इंडिया कृषि श्रमिक यूनियन इन सभी ने प्रदर्शन का आवाह्न किया है।उनका दावा है कि वर्तमान सरकार की नीतियां पूंजीवादियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं जबकि ये नीतियां मेहनतकश लोगों के हितों को अनदेखा करती हैं।जिसके परिणाम स्वरूप ग्रामीण और शहरी दोनो इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में अभूतपूर्व गिरावट आई है।
मज़दूर- किसान संघर्ष के समर्थन में दिया गया सम्पूर्ण वक्तव्य: हम अधोहस्ताक्षरी 5अप्रैल ,2023 को दिल्ली में होने वाली मज़दूर – किसान रैली को अपना पूर्ण समर्थन देते हैं और समाज के सभी वर्ग के लोगों को इस संदेश को फैलाने की और इस रैली में शामिल होने की अपील करते हैं। वर्तमान सरकार की निंदनीय आर्थिक नीतियों और हमलों के परिणामस्वरूप मेहनतकश लोगों की हालत में अभूतपूर्व गिरावट आई है। घटती मजदूरी,आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, बढ़ती बेरोजगारी,कृषि उपज के लिए गिरता, मुनाफा,बहुत कम मिलती कृषि मजदूरी ,हमेशा गहराते कृषि संकट , लाखों लोगों का अनिश्चित प्रवास , योजनाबद्ध तरीके से कल्याण योजनाओं मे कटौती सीमांत परिवारों को गंभीर गरीबी की स्थिति की ओर धकेल रही है। आर्थिक संकट से उत्पन्न परिस्थितियां हजारों किसानों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों को आत्महत्या के लिए विवश कर रही है
सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात है , समाज qके लगभग सभी वर्गों को प्रभावित करने वाले इस संकट को दूर करने की सरकार द्धारा कोई कोशिश न करना। वास्तव में सरकार अपनी निन्दनीय नीतियों को अंधाधुंध आगे बढ़ रही है जैसे कि कॉरपोरेट करों मे कटौती का उपहार,सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को औने पौने दामों पर बेचना, सुरक्षात्मक श्रम कानूनों को खत्म करना, बड़े कॉर्पोरेट ऋणों को बट्टे खाते में डालना और विदेशियों को सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित देश के महत्वपूर्ण और सामरिक उद्योगों मे पूंजी लगाने के लिए आमंत्रित करना। भ्रष्टाचार सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में पांव पसार चुका है। इन नीतियों से ध्यान हटाने के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी ,उसके संरक्षक आरएसएस और उसके सहयोगी दलों ने अल्पसंख्यकों को लक्षित करने और हमारे बुनियादी सामाजिक ताने बाने को खतरे में डालने वाले जहरीले घृणा अभियान शुरू किए हैं।
सरकार ने इन बर्बर ताकतों को शर्मनाक संरक्षण प्रदान किया है और साथ ही अपनी एजेंसियों के अधिकारों का दुरुपयोग करके अपनी नीतियों का विरोध करने वालों को गिरफ्तार और परेशान किया , उनकी संपतियों पर बुलडोजर चलवाए हैं।इसने छद्म राष्ट्रवादी बयानबाजी के पीछे छिपने की भी कोशिश की है।ऐसा करके भले ही हमारे संविधान के मूलभूत सिद्धांतों – लोकतंत्र,संघवाद और धर्म निरपेक्षता को तार – तार किया है।
विभिन्न वर्ग के लोग , विशेषकर मजदूर वर्ग और किसान वर्ग सतारूढ़ व्यवस्था के इस विनाशकारी कॉर्पोरेट और साम्प्रदायिक एजेंडे का प्रतिरोध कर रहे हैं।कई अवसरों पर उन्होंने नवउदारवादी और जनविरोधी नीतियों को सफलतापूर्वक पीछे धकेला है चाहे वह ऐतिहासिक किसान संघर्ष हो या हाल ही में महाराष्ट्र में बिजली कर्मचारियों की जीत।
हमारा दृढ़ विश्वास है कि मजदूरों, किसानों और खेतिहर मजदूरों का यह एतिहासिक दिल्ली मार्च,5 अप्रैल ,2023 को सभी वर्गों की मांगों और बुनियादी मुद्दों को उठाकर जनप्रतिरोध को आगे बढ़ाएगा और सरकार को नोटिस दे कि अब उसकी जनविरोधी नीतियां बरदाश्त नहीं की जाएंगी।
हम देश की जनता से अपील करते हैं कि बुनियादी उत्पादक वर्ग के साथ आकर संघर्ष में उनका साथ दें।