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नो , प्राइम मिनिस्टर: प्राइम मिनिस्टर मोदी द्वारा की गई अब तक की सबसे ज्यादा अशोभनीय टिप्पणियां

  • February 20, 2023
  • 1 min read
नो , प्राइम मिनिस्टर: प्राइम मिनिस्टर मोदी द्वारा की गई अब तक की सबसे ज्यादा अशोभनीय टिप्पणियां

अपने समर्थकों द्वारा एक बेजोड़ वक्ता और अपने आलोचकों द्वारा टेलीप्रॉम्पटर की मदद से एकालाप करने वाले के रूप में प्रसिद्ध नरेन्द्र मोदी ,कई अवसरों पर सार्वजनिक प्रवचनों को घटिया तरीके से प्रस्तुत करने के दोषी पाए गए हैं।


  • हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में नरेन्द्र मोदी ने नेताओं को ऐसी अनुचित टिप्पणियां करने के खिलाफ़ चेतावनी दी जो उनकी सरकार की कड़ी मेहनत को निष्प्रभावी करती हैं। हालांकि, कुछ दिनों बाद संसद में उनके अपने भाषण सवालों के घेरे में आ गए। 2014 के बाद से गौतम अडानी के त्वरित उदय में उनकी सरकार के कथित हाथ के आरोपों का जवाब देने की बजाय ,मोदी ने ऐसा कुछ किया जो निपुण राजनीतिक पर्यवेक्षकों को अनैतिक और एक प्रधान मंत्री के लिए अशोभनीय लगा।

 

  • लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों को प्रवर्तन निदेशालय को उन सबको साथ लाने के लिए धन्यवाद देना चाहिए। मोदी – मोदी और अडानी – अडानी के नारों के बीच, उन्होंने कांग्रेस पर हमला करने के लिए उस हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन को चुना ,जिस विश्वविद्यालय का वे अतीत में उपहास करते थे।यह अनकहा सत्य है कि ‘ भारत की कांग्रेस पार्टी का उदय और पतन ‘ शीर्षक वाला अध्ययन, जो इस बात को रेखांकित करता है कि पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेई को जवाहर लाल नेहरू प्रिय थे और नेहरू की मृत्यु के समय उन्होंने उनकी तुलना राम से की थी, कांग्रेस की तुलना मे भाजपा के लिए बड़ा सबक है।

 

  • लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए पांच सरल और सीधे सवालों का जवाब देने के बजाय,मोदी ने बाद में गांधी परिवार पर हमला किया और मज़ाक में पूछा, ” नेहरू नाम का उपयोग करने में ( गांधी परिवार में) क्या शर्म है ? ” अपने एकालाप के साथ आगे बढ़ते हुए, मोदी – मोदी और अडानी – अडानी के नारों के बीच उन्होंने शेखी बघारते हुए कहा,” देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है।” इशारा उनके स्वयं के लिए था। 90 मिनट के भाषण में मोदी ने विपक्ष पर ‘ गाली ‘ और ‘ झूठ ‘ का आरोप लगाते हुए खुद को पीड़ित बताने की चेष्टा की।

 

  • यह पहली बार नहीं है कि मोदी को अपनी अभद्र टिप्पणियों के कारण तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा ।पहले भी, गुजरात के मुख्य मंत्री के तौर पर ,अपने मित्र और विवादों से घिरे व्यापारी गौतम अडानी के हवाई जहाज में दिल्ली आने पर अपनी असभ्य टिप्पणियों के लिए उन्होंने सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने कांग्रेस लीडर सोनिया गांधी को ‘ जर्सी गाय ‘ और राहुल गांधी को ‘ हाइब्रिड बछड़ा ‘ कह कर संबोधित किया।मोदी ने शशि थरूर की पार्टनर को भी ” 50 लाख की गर्लफ्रेंड” नाम से संबोधित किया।

 

  • प्रधान मंत्री के पद पर आसीन होने के बाद भी, उन्होंने अपने पद की गरिमा का मान नहीं रखा। यद्यपि मोदी अपनी चुनावी सभाओं में यह शिकायत करते रहते हैं कि विपक्ष उन्हें अपशब्द कहता है,उनका अपना रिकार्ड उनकी अच्छी छवि पेश नहीं करता। यहां प्रधान मंत्री मोदी की कुछ ऐसी टिप्पणियां दी जा रही हैं जो एक प्रधान मंत्री के लिए बहुत ही अशोभनीय हैं।

 

  • 2021 में बंगाल की चुनावी सभाओं से पहले ,ऐसा प्रतीत हुआ कि मोदी बाल कटवाने या ट्रिम करवाने नहीं गए।जब वह बंगाल पहुंचे तो कइयों ने उनमें टैगोर का प्रतिबिंब देखा।लेकिन जब उन्होंने ममता को ” दीदी ओ दीदी” के रूप में मजाकिया लहजे में संबोधित किया , तो वो एक घटिया बयानबाजी करने वाले के रूप में सामने आए। पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा ,” वह हर बार ऐसा करते हैं,मुझे परवाह नही है।”

 

  • 2017 में नोटबंदी की असफलता के मद्देनजर ,मोदी ने नम आंखों से कहा,” मुझे 50 दिन दीजिए; अगर मैं गलत साबित हुआ तो मुझे जिंदा जला दो।” जब विमुद्रीकरण विनाशकारी सिद्ध हुआ तो वह चुप हो गए।एक नया स्पष्टीकरण देते हुए बोले,” यह भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध है, बेनामी संपतियों पर एक सर्जिकल स्ट्राइक है।”

 

  • नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की टिप्पणी, “विमुद्रीकरण एक निरंकुश कार्यवाही है जिसने भरोसे पर आधारित अर्थव्यवस्था की जड़ पर प्रहार किया है ” ,की प्रतिक्रिया के रूप में मोदी ने कहा ,” कड़ी मेहनत हार्वर्ड से अधिक शक्तिशाली है।”

 

  • जून 2015 में अपनी ढाका यात्रा के दौरान ,मोदी ने कहा,” मुझे खुशी है कि बांग्लादेश की प्रधान मंत्री ने एक महिला होने के बावजूद आतंकवाद के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की घोषणा की है।” मोदी को अपने बांग्लादेशी समकक्ष , शैख हसीना के खिलाफ इस लिंगभेदी बयान के लिए तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। विपक्षी दलों के अनुसार उनकी इस टिप्पणी के कारण भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि धूमिल हुई।

 

  • मई 2015 में सियोल में प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करते हुए मोदी ने टिप्प्णी की कि पहले ( कांग्रेस शासन के दौरान ) लोग भारत में जन्म लेने पर पछताते थेऔर सोचते थे कि उन्होंने कौन सा पाप किया था ।उनकी इस टिप्प्णी पर विपक्षी दलों की नाराजगी भरी प्रतिक्रिया आई और सोशल मीडिया पर विरोध की आंधी आ गई।

 

  • मई 2015 में ,मोदी ने टोरंटो के रिको कोलिजियम में प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करते समय पिछली सरकारों का मजाक उड़ाते हुए कहा,” पहले हमारी पहचान स्कैम इंडिया की थी अब स्किल इंडिया के रूप में पूरी दुनिया में पहचान बनानी होगी।”

 

  • अगस्त 2016 में , दलितों की सुरक्षा और नकली गौ रक्षकों के लिए सजा का आह्वान करते हुए , मोदी ने हैदराबाद में एक सार्वजनिक रैली में कहा,” मुझ पर हमला करो, मुझे गोली मारो,मेरे दलित भाइयों को नहीं।” उनकी इस अपील की उनके आलोचको ने कड़ी निन्दा की, जिन्होंने पूछा कि वह इस तरह के अति नाटकीय बयान देने के बजाय देश में कानून और व्यवस्था के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित क्यों नही कर सके।

 

  • मई 2016 में ,एक चुनावी रैली में अपने भाषण में केरल की तुलना सोमालिया से करने के लिए मोदी का उपहास उड़ाया गया था। उन्हें तुरंत याद दिलाया गया कि सोमालिया में बाल कुपोषण और शिशु मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है ,जबकि केरल में शिशु मृत्यु दर भारत में सबसे कम है।

 

  • 2016 में कोलकाता पुल गिरने के बाद बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए,मोदी ने फ्लाईओवर त्रासदी को बंगाल के लोगों को तृणमूल कांग्रेस से बचाने के लिए “भगवान का संदेश ” बताया था। उन्होंने कहा था,”वे कह रहे हैं कि यह एक दैवीय घटना है ,लेकिन असल में यह धोखाधड़ी का मामला है।” 2022 में अपने गृह राज्य गुजरात में मोरबी पुल के ढहने के बाद उनकी चुप्पी पर मोदी को उनकी उपर्युक्त टिप्पणियो की याद दिलाई गई।

 

  • 2021 में, देश के विकास में निजी क्षेत्र के योगदान की प्रशंसा करते हुए,मोदी ने नौकरशाही की भूमिका पर सवाल उठाया।उनकी इस टिप्पणी को आईएएस समुदाय की सार्वजनिक निंदा के रूप में देखा गया।इससे पहले 2019 में,मोदी ने कथित तौर पर एक बैठक में शीर्ष नौकरशाहों से कहा था कि उन्होंने उनके पहले पांच साल के कार्यकाल को खराब कर दिया,लेकिन वह उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल को खराब नहीं करने देंगे।

 

  • अप्रैल 2019 में राजस्थान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए परमाणु हथियारों के मुद्दे को महत्वहीन बनाने के लिए मोदी की तीखी आलोचना हुई। पाकिस्तान की धमकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था,” हर दूसरे दिन वे कहते थे कि हमारे पास परमाणु बटन है, हमारे पास परमाणु बटन है; फिर हमारे पास क्या है? क्या हमने इसे दिवाली के लिए रखा है?”

 

  1. गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 22 के उदघाटन के मौके पर मोदी ने पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की खिल्ली उड़ाई। उन्होंने शेखी बघारते हुए कहा,” यह वही देश है जिसने कभी कबूतर छोड़े थे,आज इस मुकाम पर पहुंच गया है जहां चीते छोड़ रहे हैं।” कुछ दिन पहले मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को जंगल में छोड़ा था जबकि नेहरु अपने जन्मदिन पर कबूतरों को छोड़ा करते थे।

 

  • दिसंबर 2019 में, नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ़ आंदोलन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लक्षित हिंसा के मद्देनजर, प्रधान मंत्री ने कहा,” जो लोग आग लगा रहे हैं (संपत्ति को) उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है ……. उन्हें उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है ” केंद्रीय मंत्री और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ दिए गए नफरत भरे बयानों के मद्देनजर मोदी के विचारों को मुसलमानो के खिलाफ लक्षित करके दिए गए बयान के रूप में देखा गया।

 

  • फरवरी 2017 में ,मोदी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार पर मुसलमानो के प्रति पक्षपात के लिए हमला किया। उन्होंने कहा,” यदि आप एक गांव में कब्रिस्तान बनाते हैं, तो एक शमशान भी बनाया जाना चाहिए। अगर रमज़ान में बिना रुकावट बिजली दी जाती है तो दिवाली पर भी बिना रुकावट दी जानी चाहिए। कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”आश्चर्यजनक है कि मोदी के इन बयानों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी हैरान कर दिया।इस संदर्भ में उन्होंने कहा,” शमशान, कब्रिस्तान,भगवा आतंक ये सभी मुद्दे तब सामने आते हैं जब राजनीति सत्ता के लिए की जाती है न कि लोगों के कल्याण के लिए।”

 

  • मई 2019 में ,मोदी ने कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा पर तब हमला किया ,जब उन्होंने सपेरों के साथ बातचीत के दौरान उनके साथ तस्वीर खिंचाई थी।मोदी ने उन पर एक ऐसी छवि पेश करने का आरोप लगाया जो भारत की वास्तविकता के साथ मेल नहीं खाती। नरेंद्र मोदी ने आईटी सेक्टर का ज़िक्र करते हुए कहा,” अब यह ‘ माउस चार्मर्स ‘ का समय है , न कि ‘सपेरों ‘ का।”

 

  • फरवरी 2017 में , मोदी ने अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह पर कटाक्ष करते हुए एक स्वच्छ रिकॉर्ड वाले प्रधान मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह की छवि पर आश्चर्य व्यक्त किया। उनके अनुसार , मनमोहन सिंह ने ऐसी सरकार चलाई जिस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। उन्होंने कहा, ” मनमोहन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं,वह भी सबसे भ्रष्ट सरकार के दौरान। बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला मनमोहन सिंह से सीखी जा सकती है।”

 

  • 2019 के आम चुनाव से पहले चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए – महाराष्ट्र के लातूर में, कर्नाटक के चित्रदुर्ग में और तमिलनाडु के कोयंबटूर में -मोदी ने पुलवामा में शहीद हुए और बालाकोट में जवाबी हमला करने वाले सैनिकों के नाम पर बीजेपी के लिए वोट मांगा ,” मैं अपने पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या आपका पहला वोट बालकोट हवाई हमले करने वाले सैनिकों को समर्पित हो सकता है?” मोदी ने लातूर रैली में भीड़ से कहा ,” क्या आपका पहला वोट पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम हो सकता है?” विडंबना यह है कि फरवरी 2014 में मोदी ने व्यापारियों को सैनिकों की तुलना में अधिक जोखिम लेने वाला बताया था।

 

  • हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अदालत ने बोफोर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया था,मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली में बोलते हुए उन्हें ” भ्रष्टाचारी नंबर वन” करार दिया था। राफेल विवाद के मद्देनजर मोदी ने यह टिप्प्णी की थी।मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना लगाते हुए रैली में कहा था,” आपके पिता ने भारत के सबसे भ्रष्ट व्यक्ति के रूप में अपना जीवन समाप्त कर लिया।”

 

  • संयोग से, पिछले साल नवंबर में बोलते हुए ,मोदी ने कहा था, ” दो- तीन किलो गालियां जो मुझे हर दिन मिलती हैं ,यही कारण है कि मेरा व्यस्त कार्यक्रम मुझे थका नहीं पाता है।”जबकि मोदी के खिलाफ़ ‘ अपमानजनक ‘ टिप्प्णी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कई पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं । प्रधान मंत्री ने हाल ही में एक कार्यक्रम , परीक्षा पे चर्चा 2023 के दौरान छात्रों से कहा ,” आलोचना लोकतंत्र में शुद्धिकरण की तरह है।” हालांकि ,हाल ही में दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों के आयकर विभाग के ‘सर्वे ‘ को आलोचना के प्रति उनकी असहिष्णुता के रूप में देखा जा रहा है। बीबीसी की दो भाग की डॉक्यूमेंट्री सीरीज, ‘ इंडिया – द मोदी क्वेश्चन ‘ ,गुजरात नरसंहार के दौरान मुसलमानो की हत्याओं को नहीं रोकने के लिए मोदी को ” सीधे तौर पर जिम्मेदार” मानती है और इसका यह तात्पर्य है कि मुस्लिम विरोधी हिंसा में ,”नरसंहार के सभी संकेत ” थे।मोदी सरकार ने प्रतिक्रिया स्वरूप इस पर प्रतिबंध लगा दिया।

 

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About Author

अपूर्व रॉय चटर्जी

अपूर्व रॉय चटर्जी, दिल्ली में स्थित एक शोधकर्ता और स्वतंत्र लेखक हैं।